विवेक ज्वाला

Top Menu

  • Blog
  • Contact Us

Main Menu

  • देश
    • सुप्रीम कोर्ट
    • विदेश Jwala
      • जापान
      • पाकिस्तान
  • प्रदेश
    • दिल्ली Jwala
    • उत्तर प्रदेश Jwala
    • हैदराबादJWALA
    • उत्तराखण्ड Jawla
    • जम्मू कश्मीर Jwala
    • बिहार Jwala
    • मध्य प्रदेश Jwala
    • हरियाणा Jwala
    • महाराष्ट्र Jwala
    • पंजाब Jwala
    • तमिलनाडु Jwala
    • झारखड Jwala
    • केरला Jwala
  • सम्पादकीय
  • प्रेरणादायक सीख
  • PM मोदी
  • कारोबार
    • कंपनी Jwala
    • गैजेट्स
  • ज़रा हटकर
    • जन्मदिन की बधाई
  • मनोरंजन
    • चुटकुले
    • बॉलीवुड Jwala
    • बॉलीवुड हस्तियां
    • कविता Jwala
  • स्वास्थ्य
  • ऐतिहासिक तथ्य
  • खेल
    • बैडमिंटन Jwala
    • हॉकी Jwala
    • क्रिकेट Jwala
Sign in / Join

Login

Welcome! Login in to your account
Lost your password?

Lost Password

Back to login
  • Blog
  • Contact Us

logo

Header Banner

विवेक ज्वाला

  • देश
    • सुप्रीम कोर्ट
    • विदेश Jwala
      • जापान
      • पाकिस्तान
  • प्रदेश
    • दिल्ली Jwala
    • उत्तर प्रदेश Jwala
    • हैदराबादJWALA
    • उत्तराखण्ड Jawla
    • जम्मू कश्मीर Jwala
    • बिहार Jwala
    • मध्य प्रदेश Jwala
    • हरियाणा Jwala
    • महाराष्ट्र Jwala
    • पंजाब Jwala
    • तमिलनाडु Jwala
    • झारखड Jwala
    • केरला Jwala
  • सम्पादकीय
  • प्रेरणादायक सीख
  • PM मोदी
  • कारोबार
    • कंपनी Jwala
    • गैजेट्स
  • ज़रा हटकर
    • जन्मदिन की बधाई
  • मनोरंजन
    • चुटकुले
    • बॉलीवुड Jwala
    • बॉलीवुड हस्तियां
    • कविता Jwala
  • स्वास्थ्य
  • ऐतिहासिक तथ्य
  • खेल
    • बैडमिंटन Jwala
    • हॉकी Jwala
    • क्रिकेट Jwala
  • इंस्टिट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया), गाज़ियाबाद लोकल सेंटर द्वारा 58th Engineers Day 2025 का सफल आयोजन

  • आईईआई गाज़ियाबाद लोकल सेंटर में Royal Charter Day 2025 का सफल आयोजन

  • गाज़ियाबाद में सम्पन्न हुआ 38वाँ राष्ट्रीय टेक्सटाइल इंजीनियर्स सम्मेलन एवं राष्ट्रीय संगोष्ठी

  • स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में महाराजा अग्रसेन मानव सेवा ट्रस्ट एवं वैश्य अग्रवाल सभा (ट्रांस हिंडन क्षेत्र) साहिबाबाद ने, माल्यार्थ फाउंडेशन के सांस्कृतिक सहयोग से एक शाम देश की“संस्कृति और स्वतंत्रता”के नाम आयोजित किया

  • माल्यार्थ फाउंडेशन द्वारा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में अंतरराष्ट्रीय वेबिनार आयोजित

देशप्रदेश
Home›देश›केन्द्र और राज्यों में विश्वास

केन्द्र और राज्यों में विश्वास

By vivekjwala
June 22, 2017
887
0
Share:

विवेक ज्वाला ब्यूरो:  केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने एक महत्वपूर्ण बात कही है कि केन्द्र और राज्य सरकारों के बीच विश्वास का बना रहना बहुत जरूरी है। लोकतंत्र की ये दोनों महत्वपूर्ण संस्थाएं हैं। केन्द्र सरकार को जहां पूरे देश की व्यवस्था देखनी पड़ती है, वही राज्य सरकारें विशेष रूप से राज्य के विकास का दायित्व निभाती हैं। इसके साथ ही इन दोनों के एक-दूसरे पर आधारित दायित्व भी हैं केन्द्र सरकार को सेना और केन्द्रीय पुलिस बल, यातायात के लिए एयर लाइन्स, रेलवे आदि का विशेष रूप से दायित्व संभालना होता है तो राज्यों को कमायी करके केन्द्र सरकार को पैसा देना पड़ता है। केन्द्र के आयकर विभाग जैसे संस्थान भी कमाकर देते हैं लेकिन राज्य के कितने ही टैक्स ऐसे हैं जिनमें केन्द्र का हिस्सा होता है। बिजली में जब से ग्रिड प्रणाली लागू हो गयी है, तब से उसके बंटवारे का दायित्व भी केन्द्र सरकार को निभाना पड़ता है। इस प्रकार कमायी का बड़ा हिस्सा केन्द्र के पास पहुंचता है और वहां से राज्यों की जरूरत के हिसाब से बंटवारा किया जाता है। धन के अलावा भी केन्द्र और राज्यों के बीच प्रशासनिक रिश्ते रहते है। राष्ट्रपति और राज्यपाल सरकारों के कामकाज पर न सिर्फ पैनी नजर रखते हैं बल्कि सरकार के विधायी कार्यों को मंजूरी भी देते हैं। राज्यपाल की गतिविधियां केन्द्र सरकार से प्रभावित समझी जाती हैं।

इस प्रकार केन्द्र राज्य में कभी-कभी संबंधों की टकराहट भी पैदा हो जाती है। केन्द्र शासित प्रदेशों जैसे दिल्ली, पांडिचेरी आदि में तो उपराज्यपाल को असीमित ताकत मिली होती है और वहां उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच टकराहट तब ज्यादा बढ़ जाती है, जब केन्द्र और राज्य में अलग-अलग दलों की सरकारें होती हैं जैसा कि दिल्ली और पांडिचेरी में हो रहा है। दूसरे राज्यों में भी अक्सर यह शिकायत रहती है कि केन्द्र की सरकार गैरदलीय राज्य सरकारों के साथ भेदभाव करती है और उन्हें वाजिब सहायता नहीं देती।इन्हीं सब शिकायतों को लेकर केन्द्र सरकार और राज्य सरकार के संसाधनों का बंटवारा कर दिया गया है। इसके बाद भी केन्द्र से मिलने वाली आर्थिक सहायता को लेकर राज्यों को शिकायत रहती है। ऐसी बात भी नहीं कि हमारा अपना संविधान बनने के बाद इस पर विचार नहीं किया गया बल्कि केन्द्र से राज्यों को किस प्रकार सहायता दी जाए, इसका भौगोलिक और जनसंख्या का आधार भी रखा गया। इसके साथ ही किसी आपदा के समय जैसे भूकम्प, बाढ़ सूखा आदि में भी राज्यों को अलग से मदद दी जाती है। राज्यों के साथ केन्द्र किस आधार पर मदद करे, इसके लिए सामाजिक कार्यकर्ता धनंजय रामचन्द्र गाडगिल ने 1969 में कुछ नियम सुझाए थे, जिन्हें गाडगिल फार्मूला कहा जाता था। इसमें मुख्य बात यह थी कि राज्यों को उनकी कमायी का प्रतिशत के आधार पर आवंटन कर दिया जाता था और राशन आपूर्ति समेत कितनी ही जिम्मेदारियां केन्द्र सरकार वहन करती थी। इस फार्मूले के लागू होने के बाद भी विवाद बने रहे और छिटपुट नियम भी बनाए गये। किसी राज्य ने आवादी को सहायता का आधार बताया तो किसी ने भौगोलिक परिस्थितियों को। सीमावर्ती राज्यों की संवेदन शीलता को देखते हुए उन्हें विशेष सहायता देना तो जरूरी था लेकिन जब राज्य सरकारों ने चुनाव जीतने के लिए तरह-तरह के वादे करने शुरू किये और सरकारी खजाने से खैरात बांटना शुरू किया तो केन्द्र सरकार की तरफ से आपत्ति उठाई गयी। इधर, राज्यों ने राज्यपालों के अनावश्यक हस्तक्षेप का मामला उठाया तब 2010 में पंछी आयोग का गठन किया गया। सेवा निवृत्त न्यायमूर्ति पंछी ने राज्यपालों की नियुक्ति राज्य के अधिकारों से लेकर सरकार के गठन और राज्यों के केन्द्रीय बलों की तैनाती आदि के बारे में विस्तार से सिफारिशें की थीं।

अभी पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात कर राज्य के लिए पैकेज मांगा। भाजपा ने विधान सभा चुनाव से पूर्व उत्तर प्रदेश की जनता से कई वादे किये हैं। इनमें प्रमुख वादा पूरा कर दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसीलिए शपथग्रहण करने के कई दिन बाद कैबिनेट की बैठक की थी। उत्तर प्रदेश के साथ ही पांच अन्य राज्यों में भी चुनाव हुए और वहां भी जनता से कई वादे किये गये। पंजाब को छोड़कर भाजपा ने चारों राज्यों में सरकार बना ली है। पंजाब में कांग्रेस की सरकार बनी हैं। केन्द्रीय वित्तमंत्री अरूण जेटली ने हालाकि उत्तर प्रदेश के लिए जारी संकल्प पत्र का अनुमोदन भी किया था जिसमें कहा गया था कि सीमांत और छोटे किसानो का फसली ऋण माफ कर दिया जाएगा, लेकिन केन्द्रीय वित्तमंत्री होने के नाते अब यह दायित्व भी बनता है कि केन्द्र पर कोई राज्य सरकार भेद भाव का आरोप न लगा सके, इसलिए उन्हों ने साफ-साफ कहा कि कोई राज्य सरकार यदि कर्ज माफी अथवा खैरात देने का वादा करती है तो वह अपने संसाधनों से यह वादा पूरा करे, केन्द्र इसके लिए मदद नहीं करेगा। श्री जेटली की बात अपनी जगह ठीक भी है क्यांेकि विभिन्न आधारों पर राज्य केन्द्र से सहायता मांगते रहते हैं। मसलन सुश्री ममता बनर्जी का तर्क है कि पूर्ववर्ती वामपंथी सरकार ने केन्द्र सरकार से इतना कर्ज ले रखा था कि उसके व्याज को चुकाने में ही राज्य सरकार की कमायी आधे से ज्यादा खर्च हो जाती है, इसलिए केन्द्र सरकार उस ब्याज को माफ करदे। वर्षों से सुश्री ममता बनर्जी यह मांग कर रही है लेकिन न तो पूर्ववर्ती यूपीए सरकार ने उनकी मांग स्वीकार की और न अब नरेन्द्र मोदी सरकार उसे मान रही है। इसी प्रकार बिहार में नीतीश कुमार ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कई वर्षों से कर रखी है। विशेष राज्य का दर्जा देने का मतलब भी विशेष आर्थिक सहायता होती है। नीतीश कुमार का तर्क है कि नेपाल से आने वाली नदियां राज्य में तबाही मचाती हैं और इसकी प्रतिपूर्ति केन्द्र सरकार को करनी चाहिए। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश के बुंदेलखण्ड महाराष्ट्र के विदर्भ और आंध्र प्रदेश में किसानों के लिए केन्द्र सरकार ने विशेष पैकेज दिये भी थे।

पूर्वोत्तर के राज्यों की संवेदनशीलता को देखते हुए विशेष पैकेज दिये जाते हैं लेकिन अब राज्यों में कर्ज माफ करने, रंगीन टेलीविजन बांटने या दूसरी तरह की खैरात बंाटने में केन्द्र सरकार किस तरह मदद कर सकती है। महाराष्ट्र में किसानों के कर्ज माफ करने की आवाज उठाई जा रही है। उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में किसानों के कर्ज माफी की घोषणा का संदर्भ दिया जा रहा है। तमिलनाडु में 8 हजार करोड़ की कर्ज माफी की घोषणा हुई है तो उत्तर प्रदेश में 37 हजार करोड़ रूपये का कर्ज माफ किया गया। महाराष्ट्र में समृद्ध खेतिहर मानी जाने वाली जाति मराठा ने छात्रों के लिए साब्सिडी और नौकरियों में कोटे की मांग कर रखी है।प्रधानमंत्री श्री मोदी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को यह आश्वासन दिया है कि राज्य सरकार प्रस्ताव भेजे तो केन्द्र सरकार से मदद मिलेगी लेकिन केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से भी श्री योगी की मुलाकात हुई थी जिसमें ज्यादा व्यावहारिक बात हुई और पंछी आयोग की सिफारिशों को लागू करने पर जोर दिया गया। इससे राज्यों का केन्द्र के प्रति विश्वास ज्यादा बढ़ाया जा सकेगा। राज्यपालों की तैनाती का मामला भी पंछी आयोग ने उठाया था और कहा था कि संबंधित राज्य की मंशा को भी देखा जाना चाहिए। दिल्ली में उपराज्यपाल रहे श्री नजीब जंग और मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल तथा उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और राज्यपाल रामनाईक के मध्य जिस प्रकार संबंधों में टकराहट हुई, उसे ठीक नहीं कहा जा सकता। पंाडिचेरी में उपराज्यपाल किरण बेदी और मुख्यमंत्री नारायण सामी के बीच भी संबंध ठीक नहीं चल रहे हैं। इसलिए केन्द्र और राज्यों के बीच अब विश्वास की बहाली करना बहुत जरूरी हो गया है।

Tagsकेन्द्र और राज्य
Previous Article

अब बेड़ियां नहीं पहनेंगी मुस्लिम महिलाएं

Next Article

सिंचाई का वैकल्पिक स्रोत सोलर पम्प

0
Shares
  • 0
  • +
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0

vivekjwala

Related articles More from author

  • पॉलिटिक्सप्रदेश

    राजनिती का अपराधीकरण…….

    January 19, 2018
    By vivekjwala
  • ELECTIONPM मोदीदेशपॉलिटिक्स

    बलात्कारी नेता |

    April 23, 2018
    By vivekjwala
  • देशप्रदेश

    2014 के लोकसभा चुनाव की करारी पराजय

    June 26, 2017
    By vivekjwala
  • प्रदेशमहाराष्ट्र Jwala

    बिटी काॅटल बीज कंपनीयो के खीलाफ फआइआर……

    January 19, 2018
    By vivekjwala
  • दिल्ली Jwalaदेशप्रदेश

    आक्रामक सर्जरी में मान्यता प्राप्त हॉस्पिटल आपके दिल्ली मे.

    April 5, 2018
    By vivekjwala
  • देशबिहार Jwala

    पकड़ुआ शादीयां | Kidnapped Bridegrooms

    February 6, 2018
    By vivekjwala

Leave a reply Cancel reply

  • बॉलीवुड हस्तियां

    बिग बॉस’ की Ex कंटेस्टेंट दोगुनी उम्र के हीरो के साथ करेगी रोमांस

  • देशप्रदेश

    जीएसटी को व्यावहारिक बनाएं जेटली

  • Farmer'sJudiciaryPM मोदीकारोबार

    फिर सडेगा गेहूं |

  • Recent

  • Popular

  • Comments

  • इंस्टिट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया), गाज़ियाबाद लोकल सेंटर द्वारा 58th Engineers Day 2025 का सफल आयोजन

    By vivekjwala
    September 16, 2025
  • आईईआई गाज़ियाबाद लोकल सेंटर में Royal Charter Day 2025 का सफल आयोजन

    By vivekjwala
    September 9, 2025
  • गाज़ियाबाद में सम्पन्न हुआ 38वाँ राष्ट्रीय टेक्सटाइल इंजीनियर्स सम्मेलन एवं राष्ट्रीय संगोष्ठी

    By vivekjwala
    September 6, 2025
  • स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में महाराजा अग्रसेन मानव सेवा ट्रस्ट एवं वैश्य अग्रवाल सभा (ट्रांस ...

    By vivekjwala
    August 19, 2025
  • माल्यार्थ फाउंडेशन द्वारा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में अंतरराष्ट्रीय वेबिनार आयोजित

    By vivekjwala
    June 22, 2020
  • इंस्टिट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया), गाज़ियाबाद लोकल सेंटर द्वारा 58th Engineers Day 2025 का सफल आयोजन

    By vivekjwala
    September 16, 2025
  • जाधव नहीं तो बात नहीं

    By vivekjwala
    June 22, 2017
  • सुशील मोदी ने आरोप को दोहराया

    By vivekjwala
    June 22, 2017
  • सस्ती दवाओं के लिए कानून बनेगा

    By vivekjwala
    June 22, 2017
  • अब बेड़ियां नहीं पहनेंगी मुस्लिम महिलाएं

    By vivekjwala
    June 22, 2017
  • Amelia Taylor
    on
    September 18, 2025

    Contact Us

    Good Day, ...

Find us on Facebook

प्रेरणादायक सीख

उत्तर प्रदेश Jwalaदेशप्रदेशलखनऊ Jwala

इंस्टिट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया), गाज़ियाबाद लोकल सेंटर द्वारा 58th Engineers Day 2025 का सफल आयोजन

इंस्टिट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया), गाज़ियाबाद लोकल सेंटर द्वारा 58th Engineers Day 2025 का सफल आयोजन राज कुमार गोयल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (RKGIT), गाज़ियाबाद में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती ...
  • आईईआई गाज़ियाबाद लोकल सेंटर में Royal Charter Day 2025 का सफल आयोजन

    By vivekjwala
    September 9, 2025
  • गाज़ियाबाद में सम्पन्न हुआ 38वाँ राष्ट्रीय टेक्सटाइल इंजीनियर्स सम्मेलन एवं राष्ट्रीय संगोष्ठी

    By vivekjwala
    September 6, 2025
  • स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में महाराजा अग्रसेन मानव सेवा ट्रस्ट एवं वैश्य अग्रवाल सभा (ट्रांस हिंडन क्षेत्र) साहिबाबाद ने, माल्यार्थ फाउंडेशन के सांस्कृतिक सहयोग से एक शाम देश की“संस्कृति और स्वतंत्रता”के नाम आयोजित किया

    By vivekjwala
    August 19, 2025
  • माल्यार्थ फाउंडेशन द्वारा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में अंतरराष्ट्रीय वेबिनार आयोजित

    By vivekjwala
    June 22, 2020

पत्रकारिता हमारा मिशन है व्यवसाय नही।

विवेक ज्वाला का प्रकाशन वर्ष 2002 में तत्कालीन जनपद गाजियाबाद के किसी ग्राम से निकलने वाला पहला मासिक समाचार पत्र था।जो एक टीम के द्वारा शुरू किया गया था।
2011 में विवेक ज्वाला साप्ताहिक प्रकाशित किया जाने लगा।जो आज तक निरंतर प्रकाशित हो रहा है।
 इस बीच विवेक ज्वाला के 5 विशेषांक मैगजीन के रूप में प्रकाशित हो चुके हैं।जिन्हें हमारे पाठकों ने बेहद सराहा है।
  • Recent

  • Popular

  • Comments

  • इंस्टिट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया), गाज़ियाबाद लोकल सेंटर द्वारा 58th Engineers Day 2025 का सफल आयोजन

    By vivekjwala
    September 16, 2025
  • आईईआई गाज़ियाबाद लोकल सेंटर में Royal Charter Day 2025 का सफल आयोजन

    By vivekjwala
    September 9, 2025
  • गाज़ियाबाद में सम्पन्न हुआ 38वाँ राष्ट्रीय टेक्सटाइल इंजीनियर्स सम्मेलन एवं राष्ट्रीय संगोष्ठी

    By vivekjwala
    September 6, 2025
  • स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में महाराजा अग्रसेन मानव सेवा ट्रस्ट एवं वैश्य अग्रवाल सभा (ट्रांस ...

    By vivekjwala
    August 19, 2025
  • इंस्टिट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया), गाज़ियाबाद लोकल सेंटर द्वारा 58th Engineers Day 2025 का सफल आयोजन

    By vivekjwala
    September 16, 2025
  • जाधव नहीं तो बात नहीं

    By vivekjwala
    June 22, 2017
  • सुशील मोदी ने आरोप को दोहराया

    By vivekjwala
    June 22, 2017
  • सस्ती दवाओं के लिए कानून बनेगा

    By vivekjwala
    June 22, 2017
  • Amelia Taylor
    on
    September 18, 2025

    Contact Us

    Good Day, ...

Follow us

About us

  • Hapur
  • +91- 9999929312
  • [email protected]
  • Home
  • Contact Us
  • About Us