क्या यह सच है |
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लंदन में भारत की बात सबके साथ कार्यक्रम में कहा ग्रामीण क्षेत्र के लोग सरकारी कार्यालय में अकाल पड़ने के पहले अकाल के काम के लिएअर्जी लगाते थे . दूसरी बात उन्होंने कहीं बेसब्री यह प्रगति का इंडिकेटर है . क्या हमारे देश में कभी ऐसा हुआ है की अकाल पड़ने के पहले ही लोगों ने काम के लिए अर्जी लगाई हो. क्या बेसब्री और आक्रोश इसके बीच का अंतर प्रधानमंत्री समझ पाएंगे ? क्या प्रधानमंत्री को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर तथ्यहीन बातें करनी चाहिए ? इन सवालों के जवाब जानने के लिए देखते रहिए खबर के पीछे की खबर धोबी घाट पर अशोक वानखड़े के साथ. While speaking at a program Bharat ki Baat sab ke Sath Modiji gave an example of villagers how they go the govt officials with a request that if there is draught in future they should be given this work. This has never happened in India. Why should PM make untrue statements? Will he differentiate between inpatient and angry youth? Was he addressing Indians abroad or Indians in India ? To get answers to these questions watch Khabar ke piche ki Khabar on Dhobighat with Ashok Wankhade.