भारत के प्रति चीन का अड़ियल रवैया
बीजिंग। चीन की शी जिनपिंग सरकार भारत के प्रति अड़ियल रवैया अपना रही है। नाथुला के रास्ते कैलाश मानसरोवर जाने वाले तीर्थ यात्रियों की यात्रा को रोक दिया गया है। इसके बाद इन सभी यात्रियों को दिल्ली वापस लाया जा रहा है। चीन ने नाथुला से कैलाश मानसरोवर जाने वाले यात्रियों के लिए अपने गेट नहीं खोले थे, जिसके बाद करीब 90 यात्रियों को वापस गंगटोक बुला लिया गया था। हालांकि इसका कारण तिब्बत में मानसरोवर की यात्रा के रास्ते में भूस्खलन का होना बताया जा रहा है। इस मसले पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने चीन से बात भी की, लेकिन उसका कोई हल नहीं निकला।
चीन के इस अड़ियल रवैये के बाद ही इस यात्रा को रद कर देने की भी जानकारी मिली है। इससे वहां जाने वाले यात्रियों में काफी निराशा है। इस बीच तीसरे जत्थे के तीर्थयात्री दिल्ली पहुंच चुके हैं। इनको मेडिकल चेकअप के बाद फिटनेस सर्टिफिकेट मिलने के बाद 27 जून को नाथूला भेजा जाना था।
गौरतलब है कि 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर नाथुला के रास्ते कैलाश मानसरोवर की यात्रा को दोनों तरफ से हरी झंडी दी गई थी। उस वक्त करीब 250 यात्रियों ने इस रास्ते से अपनी यात्रा पूरी की थी। इसके बाद वर्ष 2016 में 7 अलग-अलग ग्रुप में करीब 125 लोगों ने यह यात्रा
की थी। इस बार चीन ने पहले 50 तीर्थयात्रियों के आठ ग्रुप को कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए भेजे जाने की अनुमति दी थी जिसको बाद में सात ग्रुप कर दिया गया था। इसमें भी अब चीन ने वहां पहुंचे यात्रियों के लिए अपने द्वार नहीं खोले।