छोटे ग्राहकों को कर्ज नहीं |
बैंक और अन्य कर्ज देने वाली संस्थाएं छोटे ग्राहकों से दूर रहती है. एक एजेंसी के सर्वे के अनुसार देश में जितनी भी कर्ज लेने लायक योग्य छोटे ग्राहक है उनमें से मात्र एक तिहाई को बैंक में कर्ज दिया है बाकी दो तिहाई बैंक से कर्जा ले ही नहीं पाते . कर्ज देने वाली संस्थाएं और बैंक बड़े ग्राहकों को पीछे भागती है . जबकि देश में घरेलू कर्जा 2022 तक 90 लाख करोड़ हो सकता है. क्यों भागती है बैंक बड़े ग्राहकों के पीछ े? क्या छोटे ग्रहण बैंक को मुनाफा नहीं देते? क्या आने वाले समय में बैंक अपनी पॉलिसी बदलेगी ?इन सवालों के जवाब जानने के लिए देखिए खबरों के पीछे खबरें खबरों के पीछे की खबरें धोबी घाट पर अशोक वानखेड़े के साथ.
The Banks and other lending agencies run after the big consumers and neglect the small consumers. According to the survey, two third of the eligible small consumers are not given loans. The survey predicts that by 2022 the small consumer loan segment is likely to be 90 lakh crores. Why Banks prefer big consumers? Why are small consumers neglected? Will bank change the policy? To get the answers to these questions watch Khabar Ke Pichhe Ki Khabar on Dhobighat with Ashok Wankhede.