करोड़पति होंगे गरीबों के मसीहा |
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा ने जिन नेताओं को उम्मीदवार बनाया उनमें से 94 प्रतिशत नेता करोड़पति है. जनता दल सेकुलर अभी से इससे अनछुई नहीं है. लगता है की भारतीय चुनाव प्रणाली में पैसा अहम हो गया है. क्यों यह तमाम पार्टियां चुनाव के समय उम्मीदवार का बाहुबल और सुंदर धनबल दिखती है? क्या यह करोड़पति प्रदेश के गरीबों का उत्थान कर पाएंगे ? क्या कर्नाटका में अब चुनाव लड़ने के लिए करोड़पति होना जरूरी है ? इन तमाम सवालों के जवाब जानने के लिए देखते रहिए खबर के पीछे की खबर धोबी घाट पर अशोक वानखेड़े के साथ.
94 percent of the candidates of BJP and Congress contesting Karnataka Vidhan Sabha polls are the millionaire. it is rather the only state where almost every politician is moneyed. All political parties talk of poor and helpless people. But when it comes to contesting election only millionaires are given chance. Why are millionaires given election tickets? Will millionaires be able to do good to poor? Is election all about spending money? To get answers to these questions watch Khabar Ke Pichhe Ki Khabar on Dhobighat with Ashok wankhade .