गुजरात चुनाव – मुस्लिम मुद्दा नहीं, 22 साल में हुआ पहली बार
यु तो चुनाव हर बार चुनाव आने पर किसी न किसी मुद्दे को लेकर लोगो को अपने तरफ आकर्षित करने का पैतरा नेता अपनाते रहते है | गुजरात में हो रहे चुनाव में कुछ अलग ही पैतरा निकलकर सामने आया है |इस बार गुजरात विधानसभा चुनाव में धर्म से ज्यादा जातीय राजनीति का कार्ड खेला जा रहा है। 22 साल में पहली बार राज्य में मुस्लिम वोटर्स किसी भी पार्टी के एजेंडे में दिखाई नहीं दे रहे हैं और उधर इसकी वजह से राज्य की 25 सीट पर इनका काफी असर दिखाई पड़ रहा है| चुनाव में लोगो अपनी मर्ज़ी से अपने प्रतिनिधि को चुनने का अधिकार है मगर जाती , धरराम की राजनीति , यहाँ देखने को मिल रही है | पटेल, दलित, आदिवासी और ओबीसी पर भारत वर्ष में चर्चित 2 पार्टी गुजरात में सबसे ज़्यादा फोकस कर रही है | करीबन 9.7 फीसदी मुस्लिम आबादी हैं | राज्य की 182 सीटों में 25 सीटें मुस्लिम बहुल हैं। हार-जीत में मुस्लिम मतदाता अहम किरदार निभाते हैं। सबसे अधिक 12 मुस्लिम MLA 1980 में थे | 2 मुस्लिम MLA 2012 के विधानसभा चुनाव में MLA बने | अब देखना यह है की गुजरात की हवा में किस पार्टी का नाम चलता है |