किसान राजनीति की आड़ में गंदी राजनीति
किसानों के संघटन के जिला अध्यक्ष आत्महत्या के केस को हत्या बताकर राजनीति कर,कर रहे हैं।इलाके का माहौल खराब।
हापुड़(विवेक ज्वाला)गत 1 जुलाई को ग्राम रसूलपुर में विनय उर्फ सोनू ने 80 लाख के घाटे में आने के बाद डिप्रेशन में गोली मार ली।जिसकी इलाज के चलते हापुड़ के एक अस्पताल में मौत हो गयी।गांव की राजनीति के चलते जिस व्यक्ति के कारण सोनू को 80 लाख का घाटा हुआ उसने ही सोनू को अस्पताल ले जाने वालों के खिलाफ़ रिपोर्ट दर्ज कर दी।सोनू की विधवा चाची 18 दिनों से जेल में बंद है। किसानों के एक संघटन के पदाधिकारी ने इस राजनीति में बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया और अपनी बात आला रखने के लिए बेगुनाहों को बाली का बकरा बनवाने के लिये धरना,प्रदर्शन तथा रोड जाम तक करा दिया।शुरू में तो लोग साथ भी हो लिए,लेकिन सच्चाई का पता लगने पर लोग उक्त किसान नेता की लानत मलानत भेज रहे है।नए आये पुलिस छेत्रधिकारी ने बताया कि इस संबंध में शासन ने स्वतः संज्ञान लेकर उक्त नेता के विरुद्ध जांच कराने पर विचार किया जा रहा है।रोड जाम करने का मुकदमा भी दर्ज किया जा सकता है।ये किसान नेता किसानों के हित की मांग न उठा कर अपनी राजनीति चमकाने में ही व्यस्त है।देखते हैं प्रशासन अब क्या कदम उठाता है।वरना शासन का कोपभाजन का शिकार भी बन सकते हैं।क्योंकि ये विषय उच्च स्तर पर पहुँच चुका हैं