असली किसानों का ही कर्ज माफ करेंगे फडणवीस
मुंबई । महाराष्ट्र सरकार किसानों के कर्ज माफी में एक बड़ा फैसला लेने जा रही है। इसके तहत सरकार उन्हीं किसानों के कर्ज माफ करेगी जिनकी आय का मुख्य स्रोत ड्डषि ही है, उसके अलावा उनके पास कोई दूसरे आय के स्रोत नहीं हैं। गवर्नमेंट रिजाॅल्युशन ;जीआरद्ध के अनुसार वे किसान जिनके आय के दूसरे स्रोत भी हैं या जिनके ड्डषि की खुद की जमीन है उन्हें कर्ज माफी की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाएगा। गौरतलब है कि इस योजना के तहत किसानों को 10,000 रुपये की प्रारंभिक फसल )ण सहायता प्रदान की जाने वाली है। राज्य सहकारी मंत्री सुभाष देशमुख ने बताया, इसलिए उन्हें ध्यान में रखकर फिल्टर करने के बाद एक विस्तृत सूची बनाई गई है। पहली बार अनुचित लाभार्थियों को योजना से बाहर करने के लिए सावधानीपूर्वक यह रिपोर्ट बनाई गई है।
उन्होंने आगे कहा कि, कई शिक्षक, प्रोफेसर, दुकान मालिक, ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों के लोग पूरी तरह से ड्डषि पर निर्भर नहीं हैं, हालांकि वे खेती के लिए फसल ऋण का लाभ उठाते हैं। जीआर ने बताया कि राज्य में स्थानीय निकाय और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में सभी शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारी भी इस योजना का लाभ नहीं ले पायेंगे। इसी प्रकार, महाराष्ट्र की दुकानें एवं प्रतिष्ठान अधिनियम 1948 के तहत पंजीड्डत लोगों को भी लाभार्थियों की सूची से दूर रखा जाएगा। 10,000 रुपये की सहायता केवल उन किसानों के लिए है जो संकट में हैं। सहयोगी विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि योजना से संबंधित दी जाने वाली राशि को लेकर किसी भी प्रकार की विसंगतियों से बचने के लिए ऐसे लोगों की सूची तैयार की गई है जो मूल रूप से किसान नहीं है।
अधिकारी ने कहा, सहकारी विभाग, ड्डषि, वित्त और राजस्व विभाग के कुछ वरिष्ठ स्तर के अधिकारियों ने जीआर के साथ बैठक कर इस बात पर विचार किया कि जो मूल रूप से किसान हैं उन्हें ही ये लाभ दिया जाएगा। जीआर ने यह भी उल्लेख किया कि पंचायत स्तर से लेकर केंद्र सरकार के सभी चुने हुए निर्वाचित प्रतिनिधियों और जो पहले ऐसे पदों पर थे, उन्हें प्रारंभिक )ण सहायता योजना से हटा दिया गया है। ग्रामीण इलाकों में अध्यापन और गैर-अध्यापन स्टाफ का 80 प्रतिशत हिस्सा ड्डषि में है, अगर उनमें से ज्यादातर फसल )ण प्राप्त कर रहे हैं तो उन्हें अब लाभार्थियों की सूची से बाहर रखा जा रहा है।